नाग निशा, 2015, स्त्री जीवन के हाशिये, समकालीन साहित्य में नारी चेतना, पृ. 75-82
नाग निशा,, 2016 अक्टूबर, व्यक्ति, समाज और इतिहास के आइने में बाकरगंज, कथादेश,पृ.88-91
नाग निशा, 2016 राजसत्ता और भक्ति कविता, प्रत्यय, पृ. 20-24.
नाग निशा, 2016, समाज का ध्वनि ग्राहक कवि, हस्तांक-त्रिलोचन विशेषांक, पृ.80-88
दिसोदिया रजनी, पाँच लघुकथाएँ, कथादेश, फरवरी – २०१८
दिसोदिया रजनी, दो कविताएँ, अस्मिता, सितंबर – २०१७
दिसोदिया रजनी, कविता (कहानी बहुत पुरानी है), हंस, जनवरी – २०१७
दिसोदिया रजनी, कहानी (एक कुत्ते की मौत), युद्धरत आम आदमी, जुलाई – २०१६
दिसोदिया रजनी, लेख – मुर्दहिया से गुजरते हुए, दलित अस्मिता, २०१५
दिसोदिया रजनी, तीन कविताएँ, युद्धरत आम आदमी, जनवरी – २०१६
भाटिया कविता, अलक्षित की व्यंजना का कवि, उम्मीद, अप्रैल-2015,
भाटिया कविता, समीक्षा- कभी के बाद अभी, समीक्षा, जून-2015,
भाटिया कविता, स्त्री आत्मचरित के स्वर-पाखी; अक्टूबर-2015,
भाटिया कविता, एक कवि के सही बने रहने की कोशिश, सामयिक सरस्वती, जुलाई-2016,
भाटिया कविता, समीक्षा एक कवि की, हंस, अक्टूबर-2016.
अरोड़ा रेणु, तेंदुलकर के नाटकों के स्त्री पात्र, संगना, अक्टूबर-नवंबर – २०१३
अरोड़ा रेणु, विभिन्न शैलियों की चित्रकारी : त्रिपुरारी, रंग प्रसंग, जुलाई-दिसंबर – २०१६
अरोड़ा रेणु, रूप-अरूप मा नाट्यालेख और नाटक की समीक्षा, कथादेश, मई – २०१७
सागर चंदा, अपनी अस्मिता की तलाश करती दलित स्त्रियाँ- क्रिएटिव स्पेस इंटरनेशनल जर्नल, खण्ड-4, अंक 03, मई-जून-2016, द्विमासिक - ISSN-2347-1689, Impact factor- 0.339, पृ. सं. 38-41
सागर चंदा, दलित कवियों की कविताओं में स्त्री- क्रिएटिव स्पेस इंटरनेशनल जर्नल, खण्ड-5, अंक 04, जुलाई-सितम्बर-2016, द्विमासिक - ISSN-2347-1689
शर्मा अपराजिता, रामविलास शर्मा की आलोचना का स्त्री संदर्भ, ऒनलाइन मैगजीन, स्त्री का समय और सच, २०१७
राय संगीता, सिने, सुर और शायर के गीत, सिने प्लस, दिसंबर – २०१७
राय संगीता, भाषा के साथ पूरा चरित्र पूरा जीवन, साक्षात्कार – गिरिधर राठी के साथ, आजकल, फरवरी – २०१८
दिसोदिया रजनी, ‘दलित स्त्री लेखन के बुनियादी सरोकार’ हंस दिसंबर 2019
दिसोदिया रजनी, ‘एक मजबूत स्त्री का रेखाचित्र’ इंद्रप्रस्थ भारती जुलाई 2019
दिसोदिया रजनी, ‘ओ दूर के मुसाफ़िर’ कथादेश अप्रैल 2019
दिसोदिया रजनी, “अर्चना जी मेरे लिए” पाखी अप्रैल2019
पुस्तक में आलेख
नाग निशा, 2016, पै अब जागिये, भारतेन्दु के नाटकों में जागरण के स्वर, नाटककार भारतेन्दु : नये संदर्भ में विमर्श, पृ .62-70, अनन्य प्रकाशन, शहदरा-दिल्ली.
संगोष्ठी में आलेख-पाठ
सिंह उर्मिल, रीतिकालीन काव्य की उपेक्षा क्यों? पर प्रपत्र पाठ, मिराण्डा हाउस-२०१७
दिसोदिया रजनी, प्रेमचंद के सपनों का भारत, जसम – परिचर्चा ३१ जुलाई-२०१६
दिसोदिया रजनी, सेलिबरेशन ऒफ कांस्टिट्यूशन डे,दिल्ली विश्वविद्यालय, २८ न्वंबर २०१६
दिसोदिया रजनी, समता की समग्र समझ : दलित स्त्रीवाद, स्त्रीकाल, २६ फरवरी-२०१७
दिसोदिया रजनी, हमारे समय के अँधेरे में, मुक्तिबोध पर परिचर्चा, जलेस, २९ अप्रैल-२०१७
दिसोदिया रजनी, मध्यकाल की पुनर्व्याख्या की प्रासंगिकता, शोध-संवाद, २८ जुलाई-२०१७
दिसोदिया रजनी, ‘वह लड़की’ कर परिचर्चा, वाणी प्रकाशन, १३ जनवरी – २०१८
दिसोदिया रजनी, कथा में स्त्री, स्त्रीकाल, १७ जनवरी – २०१८
भाटिया कविता, समकालीन हिन्दी उपन्यास-सहचिन्तन, जे.एन.यू.- १४ मार्च २०१५
भाटिया कविता, अस्मिताओं का सवाल और भक्तिकाल; श्री अरविन्दो कॊलेज -१९ नवंबर २०१५,
भाटिया कविता, भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक मूल्य; cpdhe २८ नवंबर २०१७.
सागर चंदा, दिनांक 17 मार्च 2016 को ‘भक्ति के स्रोत’ विषय पर नव उन्नयन साहित्यिक सोसाइटी (पंजी) विश्वविद्यालय प्राध्यापक एवं शोधार्थी विमर्श संस्थान में अपना शोध-आलेख प्रस्तुत किया।
सागर चंदा, दिनांक 28-29 मार्च, 2016 को ‘समकालीन दलित कवियों की काव्य-चेतना’ विषय पर मोतीलाल नेहरु कॉलेज में अपना शोध प्रस्तुत किय।
सागर चंदा, दिनांक 25 अप्रैल 2016 को ‘न्यायपालिका पर पत्रकारिता का प्रभाव’ विषय पर सत्यवती कॉलेज (सांध्य) में शोध-पत्र प्रस्तुत किय।
सागर चंदा, ‘विकलांगता से जूझती कामकाजी महिलाएँ’ विषय पर रामजस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में शोध प्रस्तुत किय।
मीना उमा, सामाजिक विकास और आदिवासी अस्तित्व का सवाल, दौलतराम कॊलेज दिल्ली विश्वविद्यालय, २० मार्च-२०१६