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पत्रिकाओं में आलेख

  • नाग निशा, 2015 जनवरी, लेखकीय बिसात की गोटियाँ और अनुभव का साझापन, हंस, पृ.84-87
  • नाग निशा, 2015, कविता में स्त्री, प्रतिशीर्षक, पृ. 25-31
  • नाग निशा, 2015, स्त्री मुक्ति का स्वर बनाम तेरी गलियाँ, प्रत्यय 15-16, पृ. 12-20.
  • नाग निशा, 2016, मई, अमानवीय स्थितियों के बीच फरिश्ते, कथादेश, पृ. 92-94.
  • नाग निशा, 2016, जुलाई, पीले रूमालों के साये और स्लीमेन के संस्मरण, हंस, पृ.81-84.
  • नाग निशा, 2016, आकाश, आइना और अवर्ण, प्रगतिशील इरावती अंक 16, पृ. 103-105.
  • नाग निशा, 2015, स्त्री जीवन के हाशिये, समकालीन साहित्य में नारी चेतना, पृ. 75-82
  • नाग निशा,, 2016 अक्टूबर, व्यक्ति, समाज और इतिहास के आइने में बाकरगंज, कथादेश,पृ.88-91
  • नाग निशा, 2016 राजसत्ता और भक्ति कविता, प्रत्यय, पृ. 20-24.
  • नाग निशा, 2016, समाज का ध्वनि ग्राहक कवि, हस्तांक-त्रिलोचन विशेषांक, पृ.80-88
  • दिसोदिया रजनी, पाँच लघुकथाएँ, कथादेश, फरवरी – २०१८
  • दिसोदिया रजनी, दो कविताएँ, अस्मिता, सितंबर – २०१७
  • दिसोदिया रजनी, कविता (कहानी बहुत पुरानी है), हंस, जनवरी – २०१७
  • दिसोदिया रजनी, कहानी (एक कुत्ते की मौत), युद्धरत आम आदमी, जुलाई – २०१६
  • दिसोदिया रजनी, लेख – मुर्दहिया से गुजरते हुए, दलित अस्मिता, २०१५
  • दिसोदिया रजनी, तीन कविताएँ, युद्धरत आम आदमी, जनवरी – २०१६
  • भाटिया कविता, अलक्षित की व्यंजना का कवि, उम्मीद, अप्रैल-2015,
  • भाटिया कविता, समीक्षा- कभी के बाद अभी, समीक्षा, जून-2015,
  • भाटिया कविता, स्त्री आत्मचरित के स्वर-पाखी; अक्टूबर-2015,
  • भाटिया कविता, एक कवि के सही बने रहने की कोशिश, सामयिक सरस्वती, जुलाई-2016,
  • भाटिया कविता, समीक्षा एक कवि की, हंस, अक्टूबर-2016.
  • अरोड़ा रेणु, तेंदुलकर के नाटकों के स्त्री पात्र, संगना, अक्टूबर-नवंबर – २०१३
  • अरोड़ा रेणु, विभिन्न शैलियों की चित्रकारी : त्रिपुरारी, रंग प्रसंग, जुलाई-दिसंबर – २०१६
  • अरोड़ा रेणु, रूप-अरूप मा नाट्यालेख और नाटक की समीक्षा, कथादेश, मई – २०१७
  • सागर चंदा, अपनी अस्मिता की तलाश करती दलित स्त्रियाँ- क्रिएटिव स्पेस इंटरनेशनल जर्नल, खण्ड-4, अंक 03, मई-जून-2016, द्विमासिक - ISSN-2347-1689, Impact factor- 0.339, पृ. सं. 38-41
  • सागर चंदा, दलित कवियों की कविताओं में स्त्री- क्रिएटिव स्पेस इंटरनेशनल जर्नल, खण्ड-5, अंक 04, जुलाई-सितम्बर-2016, द्विमासिक - ISSN-2347-1689
  • शर्मा अपराजिता, रामविलास शर्मा की आलोचना का स्त्री संदर्भ, ऒनलाइन मैगजीन, स्त्री का समय और सच, २०१७
  • राय संगीता, सिने, सुर और शायर के गीत, सिने प्लस, दिसंबर – २०१७
  • राय संगीता, भाषा के साथ पूरा चरित्र पूरा जीवन, साक्षात्कार – गिरिधर राठी के साथ, आजकल, फरवरी – २०१८
  • दिसोदिया रजनी, ‘दलित स्त्री लेखन के बुनियादी सरोकार’ हंस दिसंबर 2019
  • दिसोदिया रजनी, ‘एक मजबूत स्त्री का रेखाचित्र’ इंद्रप्रस्थ भारती जुलाई 2019
  • दिसोदिया रजनी, ‘ओ दूर के मुसाफ़िर’ कथादेश अप्रैल 2019
  • दिसोदिया रजनी, “अर्चना जी मेरे लिए” पाखी अप्रैल2019

पुस्तक में आलेख

  • नाग निशा, 2016, पै अब जागिये, भारतेन्दु के नाटकों में जागरण के स्वर, नाटककार भारतेन्दु : नये संदर्भ में विमर्श, पृ .62-70, अनन्य प्रकाशन, शहदरा-दिल्ली.

संगोष्ठी में आलेख-पाठ

  • सिंह उर्मिल, रीतिकालीन काव्य की उपेक्षा क्यों? पर प्रपत्र पाठ, मिराण्डा हाउस-२०१७
  • दिसोदिया रजनी, प्रेमचंद के सपनों का भारत, जसम – परिचर्चा ३१ जुलाई-२०१६
  • दिसोदिया रजनी, सेलिबरेशन ऒफ कांस्टिट्यूशन डे,दिल्ली विश्वविद्यालय, २८ न्वंबर २०१६
  • दिसोदिया रजनी, समता की समग्र समझ : दलित स्त्रीवाद, स्त्रीकाल, २६ फरवरी-२०१७
  • दिसोदिया रजनी, हमारे समय के अँधेरे में, मुक्तिबोध पर परिचर्चा, जलेस, २९ अप्रैल-२०१७
  • दिसोदिया रजनी, मध्यकाल की पुनर्व्याख्या की प्रासंगिकता, शोध-संवाद, २८ जुलाई-२०१७
  • दिसोदिया रजनी, ‘वह लड़की’ कर परिचर्चा, वाणी प्रकाशन, १३ जनवरी – २०१८
  • दिसोदिया रजनी, कथा में स्त्री, स्त्रीकाल, १७ जनवरी – २०१८
  • भाटिया कविता, समकालीन हिन्दी उपन्यास-सहचिन्तन, जे.एन.यू.- १४ मार्च २०१५
  • भाटिया कविता, अस्मिताओं का सवाल और भक्तिकाल; श्री अरविन्दो कॊलेज -१९ नवंबर २०१५,
  • भाटिया कविता, भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक मूल्य; cpdhe २८ नवंबर २०१७.
  • सागर चंदा, दिनांक 17 मार्च 2016 को ‘भक्ति के स्रोत’ विषय पर नव उन्नयन साहित्यिक सोसाइटी (पंजी) विश्वविद्यालय प्राध्यापक एवं शोधार्थी विमर्श संस्थान में अपना शोध-आलेख प्रस्तुत किया।
  • सागर चंदा, दिनांक 28-29 मार्च, 2016 को ‘समकालीन दलित कवियों की काव्य-चेतना’ विषय पर मोतीलाल नेहरु कॉलेज में अपना शोध प्रस्तुत किय।
  • सागर चंदा, दिनांक 25 अप्रैल 2016 को ‘न्यायपालिका पर पत्रकारिता का प्रभाव’ विषय पर सत्यवती कॉलेज (सांध्य) में शोध-पत्र प्रस्तुत किय।
  • सागर चंदा, ‘विकलांगता से जूझती कामकाजी महिलाएँ’ विषय पर रामजस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में शोध प्रस्तुत किय।
  • मीना उमा, सामाजिक विकास और आदिवासी अस्तित्व का सवाल, दौलतराम कॊलेज दिल्ली विश्वविद्यालय, २० मार्च-२०१६

पुस्तकें

  • भाषा साहित्य और सर्जनात्मकता (सहलेखक) 2013
  • चारपाई (कहानी संग्रह) 2014, दूसरा संस्करण 2019
  • कहानी बहुत पुरानी है। (कविता संग्रह) 2018
  • साहित्य और समाज: कुछ बदलते सवाल (आलोचना) 2019